Friday, June 6, 2008

प्यार और वफ़ा

वफ़ा का प्यार से
कुछ लेना-देना नहीं है
जो यह समझ लेते हैं
वे खुश रहते हैं
जो नहीं समझ पाते हैं
उन्हें शादीशुदा कहते हैं

प्यार का मतलब है
आँखों में चमक
होठों पर मुस्कान

आवाज़ में नमी
सांसों में गर्मी

वफ़ादारी?
वफ़ादारी
एक चौकीदार पर
एक कर्मचारी पर
फ़बती है
और उन्हें ही
शोभा देती है

प्यार किया नहीं जाता
प्यार हो जाता है
वफ़ा होती नहीं है
वफ़ा की जाती है

प्यार ढाई अक्षर का मंत्र है
जिसे समझाने में
महारथियों ने लिख डाले कई ग्रंथ है

प्यार कुछ यादगार पल हैं
जिन्हें सम्हालते हम हर पल है

वफ़ा एक शर्त है
शिकायत की जड़ है
प्यार एक अहसास है
जिसका न सर है न धड़ है

प्यार से बड़कर कोई शक्ति नहीं
प्यार के बल पर ही प्रेमी उठाते हैं बीड़ा
प्यार से मीठी कोई धुन नहीं
प्यार से ही मन की बजती है वीणा

प्यार में है आनंद
प्यार में है पीड़ा
जिसमें नाचती है राधा
और तड़पती है मीरा

और वफ़ादारी?
मिलती है वफ़ादारी की
कुछ ऐसी मिसाल
कि एक पालतू प्राणी
हो गया मालिक पर निहाल
कि एक राजा ने कर दिया
मंत्री को मालामाल

वफ़ा को प्यार के साथ जोइना
प्यार की तौहीन है

वफ़ा का प्यार से
कुछ लेना-देना नहीं है
जो यह समझ लेते हैं
वे खुश रहते हैं
जो नहीं समझ पाते हैं
उन्हें शादीशुदा कहते हैं

सिएटल,
6 जून 2008

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