Thursday, March 12, 2009

जो है सो है

दुनिया में रोने वालों की कमी नहीं है
मिलती है रोटी तो वो भी पचती नहीं है

स्लमडॉग बनी, तो पुरूषों ने आरोप लगाया
स्लमबीच पर क्यों कोई फ़िल्म बनती नहीं है?

नारी की दुर्दशा पर टप-टप टेसू बहाते हैं जो
मायावती, सोनिया क्यों उन्हें दिखती नहीं है?

नारी की हिमायत करने वालो, मैक्सिम तो देखों
फ़्रिडो है कवर पे, देव की तस्वीर कहीं नहीं है

न नारी है दूध की धुली, न आदमी है पापी
जब तक न हाथ मिलें, ताली बजती नहीं है

सिएटल 425-445-0827
12 मार्च 2009

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