Friday, March 5, 2010

स्वामी के दीवाने

हर तरफ़ अब यहीं अफ़साने हैं
सब किसी न किसी स्वामी के दीवाने हैं

इतनी बेवकूफ़ी भरी है इंसानों में
कि पढ़े-लिखे भी गधे हो जाए
स्वामीजी जो नज़र आ जाए चैनल पर
तो पांच बजे भी उठ के खड़े हो जाए
छोटे-बड़े सब लगते दुम हिलाने हैं
हर तरफ़ अब यहीं अफ़साने हैं
सब किसी न किसी स्वामी के दीवाने हैं

इक हल्का सा इशारा इनका
किसी भी रोगी को चंगा कर दे
इस तरह की आस के बदले में
जो जान और माल फ़िदा कर दे
ऐसे भक्त इन्हे और फ़ंसाने हैं
हर तरफ़ अब यहीं अफ़साने हैं
सब किसी न किसी स्वामी के दीवाने हैं

कभी लंदन तो कभी अमरीका
नहीं ढाका या फिर अफ़्रीका
सिर्फ़ रईसो को भक्त बनाते हैं
आलिशान होटलों में शिविर लगाते हैं
और दावा ये कि गीता के श्लोक समझाने हैं
हर तरफ़ अब यहीं अफ़साने हैं
सब किसी न किसी स्वामी के दीवाने हैं

(कैफ़ी आज़मी से क्षमायाचना सहित)

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2 comments:

Anita kumar said...

हा हा ! मजा आ गया। ये लंदन और अमरीका वाले भी तो पागल हैं न किसी से भी प्रभावित हो जाते हैं। हर शाख पर उल्लु बैठे हैं……।:)

Yogi said...

Too good sir ji !!!

Some of ur posts are really really good