Monday, April 12, 2010

ब्राउनियन मोशन में जीव-सार सारा


झोपड़ी के दीप सा टिमटिमाता तारा
भटकता है नभ में ज्यों भटके शिकारा

भटकना ही जीव का दीन-ओ-धरम है
ब्राउनियन मोशन में जीव-सार सारा

भटकना न होता तो पाषाण होते
न हिलते, न डुलते, न होते बीच धारा


जीवन है जीना तो बहना है निश्चित
जीते जी किसी को न मिलता किनारा

मोक्ष की आस में आँख जो हैं मूंदे
चेतन से जड़ की और जा रहे हैं यारा

सिएटल । 425-445-0827
12 अप्रैल 2010
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ब्राउनियन मोशन =
Brownian Motion

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1 comments:

Anonymous said...

"ब्राउनियन मोशन में जीव-सार सारा"


बहुत अच्छा!