Tuesday, October 8, 2013

मंगल आए, मंगल आए

मंगल आए, मंगल आए
इसी बात की रट लगाए
मैं शनि, रवि, सोम पे कुढ़ता रहा
लेकिन जो आता है
वो जाता है

ये सच मुझे लूटता रहा

अब बुध, गुरू का भी मैं शुक्र अदा करूँ
और हर हाल में मैं खुश रहूँ


मंगलवार, 8 अक्टूबर 2013
सिएटल ।
513-341-6798

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1 comments:

Anonymous said...

कविता में सारे days of the week आ गए हैं। आपकी observation सही है कि हर दिन शुभ होता है इसलिए हर दिन के लिए thankful होना चाहिए। किसी दिन को दुसरे दिनों के comparison में बुरा नहीं समझना चाहिए - हर हाल में ख़ुशी ढूँढनी चाहिए।