Thursday, January 2, 2014

मुस्कुराता हुआ चेहरा

न जाने कोई कैसे कूच कर जाता है
और तस्वीरों में क़ैद रह जाता है
बिना वजह मुस्कुराता हुआ
पन्ना पलटने पर भी
एलबम बंद करने पर भी
अलमारी में रख देने पर भी
मुस्कराता ही रहता है

एक हम ही हैं
हाड़-मांस के
जिनके तेवर बदलते रहते हैं
कोई नव-आगंतुक आता है तो अन्तिम दिन की बात करके रोते हैं
कोई दूसरा आता है तो काम की बात करते हैं
नल से पानी टपक रहा है उसे टाईट कर देना
फ़्रिज का बल्ब बुझ गया है उसे बदल देना
बाथरूम में बैठकर नहाने के लिए स्टूल ले आना

खाली घर काटने को न जाने कब दौड़ेगा
अभी तो कई रस्में पूरी करनी हैं
कई ब्राह्मण जीमाने हैं
मुस्कुराते हुए चेहरे पे श्रद्धा सुमन चढ़ाने हैं

3 जनवरी 2014
नई दिल्ली । 91-88004-20323

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1 comments:

Anonymous said...

तस्वीरों की यही ख़ास बात है कि वो एक moment को capture करती हैं और उसे हमेशा के लिए save कर लेती हैं। हम जब भी तस्वीर को देखते हैं, उस moment को याद कर लेते हैं। लेकिन जीवन में हर moment ख़ुशी की नहीं होती - कई दुःख के दिन भी होते हैं जहाँ कोई camera पहुँच नहीं सकता।

जाने वालों की यादें तो हमेशा साथ रहती हैं मगर grief waves में आता है। कभी मन शांत हो जाता है और रोज़ के कामों में लग जाता है और कभी मन इतना उदास हो जाता है कि हम कोई काम नहीं कर पाते, बस यादों में घिर जाते हैं, रोते रहते हैं। जाने वाले की कमी तो हमेशा दिल में रहती है। समय के साथ जीवन आगे चलने लगता है और बीता हुआ समय एक याद बन जाता है, जिसे हम कभी-कभी अकेले बैठ कर, कभी किसी से बातें करके, कभी तसवीरें देख कर ताज़ा कर लेते हैं, कुछ हँस लेते हैं और कुछ रो लेते हैं।