Wednesday, February 12, 2014

ये तिकड़में हैं ‘आप’ की

अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये तिकड़में हैं ‘आप’ की
न आप समझ सके न हम

ये आम आदमी के साथ क्यों
किया मज़ाक ‘आप’ने
बच्चे की कसम खा के भी
थामा कांग्रेस का हाथ ‘आप’ने

मुबारकें तुम्हें के तुम
दिल्ली के सी-एम हो गए
दिल्ली के सी-एम बनते ही
पी-एम के भ्रम हो गए

किस-किस मुद्दे को लेके तुम
धरना नया बिठाओगे?
सी-एम जो बन गए हो तुम
सरकार कब चलाओगे?

(शैलेन्द्र से क्षमायाचना सहित)
12 फ़रवरी 2014
सिएटल । 513-341-6798

http://smriti.com/hindi-songs/ajiib-daastaan-hai-ye-utf8

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2 comments:

Anonymous said...

जब original lines को सोचा तो parody की यह lines बहुत ही funny लगीं :)

"मुबारकें तुम्हें के तुम
दिल्ली के सी-एम हो गए.…"

यह सवाल बहुत बढ़िया लगा - हर party/minister से पूछा जाना चाहिए:

"किस-किस मुद्दे को लेके तुम
धरना नया बिठाओगे?
सी-एम जो बन गए हो तुम
सरकार कब चलाओगे?" :)

Original गाना बहुत ही प्यारा है! Smriti.com के page पर गाने के stanzas का order सही नहीं है - कविता में सही है - शायद आपको गाना memorized है! :)

ankush said...

बहुत सही कहां। सुन्दर अभिवयक्ति।
http://ankushchauhansblog.blogspot.in/2014/03/vote-for-india.html