Wednesday, November 30, 2016

चाँदनी चाँद से होती है, सितारों से नहीं

चाँदनी चाँद से होती है, सितारों से नहीं 

पर्स भी सौ से भरे हैं, हज़ारों से नहीं 


वो जीवन नहीं जीवन जिसमें असफलता ही हो

सीख मिलती है जो हार से, वो उपहारों से नहीं


यदि हों सम्बन्ध तो ऐसे कि विषमताएँ हों

ताकि लेन-देन में लगे आप गुनहगारों से नहीं 


हम भी हो सकते थे आपकी जंग में शामिल

गई ख़ुद्दारी नहीं और बने चाटुकारों से नहीं 


चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले

उम्मीद--ख़ुशबू--जानाँ शाहकारों से नहीं 


राहुल उपाध्याय | 1 दिसम्बर 2016 | दिल्ली 









इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: