Monday, March 20, 2017

तू अपना पता दे

जो है नहीं 

उसी से कहता हूँ

तू अपना पता दे

तू है कि नहीं 

इतना बता दे


जब दो ही नहीं हैं

तो ये सम्वाद कैसा?

जब एक ही है

तो ये विवाद कैसा?


अपनी ही धारणाओं की

शक्ल की पूजा

जैसे अपना हो बच्चा

पर है तो दूजा 


दीपक जलेगा

तो ज्योति रहेगी

पूजा होगी

तो ख्याति रहेगी


यदि दीपक जलें

तो मिट्टी के ही जलें

यह आवश्यक नहीं 

यह आग है व्यापक

इसका मापक नहीं


राहुल उपाध्याय | 20 मार्च 2017 | सिएटल 


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